
1857 की क्रान्ति के वीर सपूत शहीद वीरनारायण सिंह जी के शहादत को छत्तीसगढ़ के साथ पूरा देश नमन करता है। वीरनारायण सिंह जी, सोनाखान (वर्तमान बलौदाबाजार जिला) में जन्मे छत्तीसगढिया सपूत छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं, जिनका अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष में अतुलनीय योगदान रहा। वीरनारायण सिंह जी मूलतः आदिवासी समुदाय से आते थे। जिनका कर्मभूमि पूरा छत्तीसगढ़ रहा तथा शहादत स्थल राजधानी रायपुर का जयस्तंभ चौक है।
इनके बलिदान को याद रखने के लिए समय समय पर विभिन्न कदम भी उठाए गए, जिनमें राज्य अलंकरण सम्मान के अलावा विभिन्न स्थलों का नामकरण इनके नाम पर किया जाना भी है।
परन्तु, दुर्भाग्य की बात है कि विभिन्न संगठनों के समय समय पर मांग के बावजूद भी आज उनके शहादत स्थल पर ही उनके प्रतिमा का अभाव है।
चूंकि सोनाखान उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि है, वहां उनके स्मारक का होना हमारे लिए गर्व की बात है। परंतु राजधानी रायपुर के हृदय स्थल जयस्तंभ चौक पर उनकी प्रतिमा का होना भी समय के साथ छत्तीसगढ़ वासियों की मांग है। जिससे पूरे छत्तीसगढ़वासियों के मनोस्मृति में इस माटीपुत्र वीर सपूत के त्याग और बलिदान की गाथा जीवित रहे।
भविष्य में जल्द ही शहादत स्थल पर वीरनारायण सिंह जी की प्रतिमा स्थापना की कामना के साथ ही उनके शहादत को सादर नमन…
।। जय जोहार ।।

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अमित नेताम
गरियाबंद (छ.ग.)
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