
कवर्धा:- प्रदेश के प्रतिष्ठित व सक्रिय साहित्यिक संस्था भोरमदेव साहित्य सृजन मंच कबीरधाम के नववर्ष मिलन समारोह पांडातरई डोंगरिया के जलेश्वर महादेव में सम्पन्न हुआ। भोरमदेव साहित्य सृजन मंच कबीरधाम द्वारा जिले के अलग-अलग पर्यटन स्थलों में मासिक गोष्ठी का आयोजन किया जाता है। जिले के पर्यटन स्थल के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से इस प्रकार की गोष्ठी भोरमदेव साहित्य सृजन मंच कबीरधाम के कलमकारों द्वारा किया जाता है जिसमें आसपास जिले के कवि साहित्यकारों की उपस्थिति होती है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के तैल्य चित्र पर पूजा अर्चना के साथ हुआ । यह कार्यक्रम जलेश्वर महादेव मेला समिति अध्यक्ष मन्ना चन्द्रवंशी जी खरहट्टा, ग्राम पंचायत खरहट्टा के सरपंच छोटू चन्द्रवंशी जी के विशेष सहयोग से श्री कुमार चंद्रवंशी डोंगरिया के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ‘पाठक’ परदेशी वर्मा जी, छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार व गीतकार डॉ. पी.सी. लाल यादव जी, शिक्षाविद व इतिहासकार महेश आमदे जी, अजय चन्द्रवंशी जी समीक्षक कवर्धा व भोरमदेव साहित्य सृजन मंच कबीरधाम के अध्यक्ष मिनेश साहू के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। सम्पूर्ण कार्यक्रम दो सत्रों में विभाजित रहा। प्रथम सत्र में स्वागत व अतिथि उद्बोधन से तथा कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए साहित्यकारों ने अपनी रचना पढ़ी। काव्यपाठ करने वाले कवियों में परदेशी राम वर्मा जी, हेमसिंग साहू,जाजू सतनामी,तुकाराम साहू,भगवान दास मानिकपुरी, बोधन निषाद, संतोष कुमार,विजय कुमार, रमेश चौरिया, राजकुमार मसखरे, कु.सुनैना ध्रुव,राकेश सेन, मोक्ष वर्मा,तेज देवांगन,मिथलेश वर्मा,दिनेश कुमार, राम अनुज सेन,भुरवा राम,विरेन्द्र चन्द्र सेन,ज्ञानू दास मानिकपुरी,धर्मेन्द्र डहरवाल, घनस्याम कुर्रे, महेश पांडेय, ईश्वर साहू आरुग, कर्नल तिवारी, मिनेश साहु, देवचरण धुरी, युगल किशोर, पवन साहू, राम कुमार साहू, रिखी राम धुर्वे, युवराज साहू, हरीश पटेल, अश्वनी कोसरे, जुगेस बंजारे,सुखदेव सिंह अहिलेश्वर,कुंजबिहारी साहू, अमित टंडन, दयालु प्रसाद भारती
संतोष कुमार निषाद, तेज देवांगन ने हास्य व्यंग्य, गीत , गजल, छंद व वीर रस के कविताओं से लोगो का मन मोह लिया, लगभग 40 कवि साहित्यकारों ने कविता पाठ किया। नव वर्ष के घूमने याए पर्यटकों ने कविताओं का भरपूर आनद उठाया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन गजल के शसक्त हस्ताक्षर कुंज बिहारी साहू ने व द्वितीय सत्र का संचालन आरुग चौरा मासिक पत्रिका के सम्पादक व छत्तीसगढ़ी भाषा मे एकमात्र वीर रस के ऊर्जावान कवि ईश्वर साहू आरुग ने किया। अंतिम मे
देवचरण धुरी चरखुरा कला द्वारा आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम की समापन का घोषणा किया गया।